Saturday, February 7, 2009

भाजपा ने वनवास का मिथक तोड़ा:सुभाष राव


रायपुर । भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात के बाद मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सफलतापूर्वक पूरे पांच साल राज करने के बाद दुबारा सत्ता हासिल कर यह मिथक तोड़ दिया है और वह अब विकास के नए आयाम स्थापित कर जनतंत्र में अपनी मजबूत और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। ये उदगार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के प्रथम अध्यक्ष सुभाष राव ने व्यक्त करते हुए विकास की योजनाएं लागू कर छत्तीसगढ़ में इतिहास रचा है। गरीब व्यक्ति के पेट की चिंता को दूर कर जो पुण्य अर्जित किया उसका प्रतिफल पुन: कार्य करने का अवसर मिला है। सवालों का जवाब देते हुए श्री राव ने कहा कि तीन कारणों से भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में जनता को पुन: बहुमत के पायदान पर पहुंचाया है। सबसे अहम कारण यह था कि भाजपा सरकार की सोच काम करने की थी जिसके आधार पर मुख्यमंत्री ने गाँव-गरीबों किसान मजदूर के लिए विभिन्न तरह की विकास योजनाएं बनाई। व्यक्ति हितों 35 किलो चांवल प्रति माह देने के साथ ही किसानों को मिलने वाले ऋण में ब्याज की दर को तीन प्रतिशत तक घटाना है। देश में यह सबसे कम दर है। कभी यह 14 प्रतिशत थी जिसे नौ, फिर सात और उसके बाद छ: और तीन प्रतिशत किया गया है। हमारा संकल्प है कि इसे हम शुन्य प्रतिशत कर देंगे। किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने वाला छत्तीसगढ़ में पहला राज्य होगा। भाजपा सरकार ने किसानों का संपूर्ण धान खरीदने के साथ ही फसल बीमा और पांच हार्स पावर तक बिजली रियायती दर पर उपलब्ध करवाकर किसानों की हितैषी सरकार बन चुकी है। आगामी पांच सालों में किसानों को मुफ्त बिजली देने की योजना है। भाजपा सरकार को वापसी का दूसरा बड़ा कारण आतंक और भय से मुक्त शासन रहा है। लोगों ने छत्तीसगढ़ राज्य निमार्ण के बाद ऐसी सरकार देखी है। जिससे किसान, छात्र, और व्यपारीयों पर लाठीचार्ज कर विरोधियों को प्रताडि़त किया। बहुमत होने के बाद भी विपक्षी दल के जनप्रतिनिधियों के खरीद-फरोख्त की राजनीति को देखा तो मुख्यमंत्री डॉ रमनसिंह के कार्यकाल में विपक्ष को सम्मान के साथ ही आम आदमी को उसके अधिकार के साथ ही आजादी मिली। भयमुक्त शासन ने सदभावना का वातावरण प्रदेश में देखा।

तीसरा कारण यह है कि केन्द्र की सरकार में आसमान छूती महंगाई और आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं। पिछले पांच साल से सुरक्षा की तरह की चीजों के दाम बढ़ गए हैं तो आर्थिक नीतियों के चलते उद्योग धंधों को मंदी की मार झेलनी पड़ रही है निराशा के ऐसे वातावरण में भाजपा ने उम्मीदों का कमल खिलाया है और लोगों को लगता है कि ये पार्टी स्थिरता के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा में अपनी वैचारिक सोच के लिए थिंक टैंक माने जाने वाली श्री राव के विचार है कि भारतीय लोकतंत्र की जड़ें बेहद मजबूत है और शिक्षित मतदाताओं की तरह अशिक्षित मतदाता थी विवेक के साथ वोट डालते समय वैचारिक प्रतिबद्धता की जगह अब विकास और काम को महत्व देता है। इसलिए आदिवासी क्षेत्रों में जो कभी कांग्रेस के गढ़ रहे हैं वहां के लोग अब प्रत्याशी पार्टी और कार्य का मूल्यांकन कर वोट देते हैं जो अलग तरह का आधार पुख्ता हुआ है। पहले सरकारें निगेटिव वोटों के चलते बनती रही है अब पाजिटिव वोटों से भी बन सकती है यह बात उभरकर सामने आई है। सत्ता में पुन: वापसी के बाद बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर जवाबदेही बढ़ी है। पार्टी को पहले पांच साल आधारभूत संरचना के निर्माण में लग गए अब प्रयास में होगा कि निचले स्तर तक लोगों को लाभ पहुंचे। छत्तीसगढ़ नैसर्गिक अनुकूलताओं से युक्त समृद्ध राज्य है। संभावना की दृष्टिï से यहां खनिज, जल, वन श्रम सभी संसाधन भरपूर मात्रा में है जो इसे समृद्ध राज्य की कतार में लाकर खड़ा कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर और प्रगतिशील राज्य बन सके इन संभावनाओं को मूर्त रूप देना है। ऊर्जा के क्षेत्र में नंबर वन है तो स्टील, सीमेंट, लाइमस्टोन वन संपदा में अग्रणी राज्य है। कृषि के क्षेत्र में धान का कटोरा कहा जाता है सारे संसाधनों के उचित दोहन के साथ वैल्यू एडीशन करना होगा। अभी यहां से रा मटेरियल बाहर जाते हैं हमें इसकी जगह फीनिश्ड गुड को बाहर भेजना होगा। इस प्रक्रिया से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी और राज्य को इंकम भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार इन सब बातों को अमलीजामा पहनाएगी इसका पूरा विश्वास है। बस्तर के जगदलपुर जिले के निवासी श्री राव आदिवासी अंचल की राजनीति में वैचारिक अंचल की राजनीति में वैचारिक चिंतन के लिए पहचाने जाते हैं। बस्तर की 12 में से 11 सीटों पर ऐतिहासिक जीत के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि बस्तर की नक्सली समस्या का सबसे बड़ा कारण आर्थिक और सामाजिक विषमता है और इसके लिए कांग्रेस पूरी तरह दोषी है जिसने पचास सालों तक एक छत्र राज्य किया। इस समस्या से स्वयं आदिवासी निजात चाहते हैं और उन्होंने स्व:स्फूर्त सलवा जुडूम आंदोलन के बाद बैलेट के माध्यम से यह बता दिया कि भाजपा सरकार के शांति प्रयासों को वे आगे बढ़ाना चाहते हैं। नक्सलियों के भय से निर्वासित जीवन जीने को मजबूर आदिवासी अपनी संस्कृति और परंपरा में लौटना चाहता है। राहत शिविर को छोडक़र स्वच्छंदता से खेती और वनोपज संग्रहण कर अपनी जीविका का उपार्जन करने वाले आदिवासियों ने जनतांत्रिक व्यवस्था में मोहर लगाई है। इससे निश्चित ही आदिवासियों को जवाब मिल गया होगा। छत्तीसगढ़ में जातिवाद की बढ़ती भावनाओं के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री राव ने गंभीरता के साथ कहा कि सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाकर ऐसा वातावरण बना होगा जिससे स्थानीय लोग प्रतिस्पर्धा में आगे आ सके। समाज के पिछड़े वर्ग में अगर अवसरों में पिछडऩे की हीनभावना बढ़ गई तो वो अराजक स्थितियां उत्पन्न हो सकती है जरूरत इस बात की है कि शिक्षा का प्रसार हो और सभी वर्गों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की जगह प्रतिद्वंद्विता की भावना तक बलवती होती है। जब असमानता हो। अत: सभी को समान रूप से बेहतर शिक्षा मिले ये बेहद जरूरी है । उन्हें अगर अवसर मिला तो वे इस दिशा में कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।

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